Page 9 - Kanchan

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आइये
चले
प्रकृ
�त क� ओर।
संके
त �बं
द ु
प्रकृ
�त मानव क� सहचर� है
महानगरो म�
रहने
वालो के
�लए प्रकृ
�त का सा�नध्य स्वगर्
के
समान्य है
प्रकृ
�त के
आभू
षण
नद� ,झरने
,उषा ,सं
ध्या ,चाँ
द ,�सतारे
,कलरव करते
हु
ए प�ी, प ु
रवै
या आ�द।
प्राकृ
�तक सु
ख� से
वं
�चत होने
के
कारण- प्रकृ
�त से
छे
छाड़।
प्रकृ
�त म�
बाधा पहु
चाने
का प�रणाम।